शेयर बाजार के प्रकार

 


शेयर बाजार मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं:


1. प्राथमिक बाजार (Primary Market)

प्राथमिक बाजार वह बाजार है जहां पहली बार कंपनियां अपने शेयरों को सार्वजनिक रूप से जारी करती हैं। इसे Initial Public Offering (IPO) भी कहा जाता है। जब कोई कंपनी पहली बार शेयर बाजार में लिस्ट होती है, तो वह इन शेयरों को निवेशकों के बीच बेचती है। इन शेयरों की बिक्री के माध्यम से कंपनी को पूंजी मिलती है, जिसे वह अपने विकास, विस्तार, या अन्य उद्देश्यों के लिए उपयोग करती है।


विशेषताएँ:


इसमें शेयर पहली बार जारी होते हैं।

निवेशक नए शेयर खरीदते हैं।

कंपनी को फंड प्राप्त होता है।

इसे IPO (Initial Public Offering) के नाम से भी जाना जाता है।

2. प्रारंभिक बाजार (Secondary Market)

प्रारंभिक बाजार वह बाजार है जहां पहले से जारी किए गए शेयरों का लेन-देन होता है। यह वह जगह है जहां निवेशक एक-दूसरे से शेयर खरीदते और बेचते हैं। इस बाजार में कंपनियों को सीधे पैसे नहीं मिलते हैं, लेकिन निवेशक अपने शेयरों को दूसरे निवेशकों को बेच सकते हैं। प्रमुख उदाहरण नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) हैं।


विशेषताएँ:


इसमें पहले से जारी किए गए शेयरों का लेन-देन होता है।

निवेशक एक-दूसरे से शेयर खरीदते और बेचते हैं।

इसमें कंपनी को कोई पैसा प्राप्त नहीं होता।

यह बाजार अधिकतर NSE और BSE जैसे प्रमुख स्टॉक एक्सचेंजों के माध्यम से संचालित होता है।

इन दोनों प्रकार के बाजारों में मुख्य अंतर यह है कि प्राथमिक बाजार में कंपनी को पूंजी मिलती है, जबकि प्रारंभिक बाजार में निवेशक आपस में शेयरों का ले

न-देन करते हैं।







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